जी हाँ। कंसर्न्ड जर्नलिस्ट्स इनीशिएटिव का घोष वाक्य यही है , मनुष्यता के पक्ष में पत्रकारिता की आवाज़। बेशक यह पत्रकारों का संगठन है। लेकिन इसके सरोकार पत्रकारिता तक सीमित नहीं हैं। यह उन पत्रकारों का संगठन है जो खुद को उन सवालों के रू-ब-रू खड़ा महसूस करते हैं जिनसे मनुष्यता आज जूझ रही है। ये सवाल पत्रकारिता के भी हो सकते हैं और इससे बाहर के भी।
कंसर्न्ड जर्नलिस्ट्स इनीशिएटिव यानी सीजेआई की स्थापना १९ दिसंबर २००९ को हुयी। दिल्ली के गाँधी शान्ति प्रतिष्ठान में हुयी स्थापना बैठक में सर्वसम्मति से सीजेआई की प्रतावना को मंजूर किया गया जो इस प्रकार है;
१) पत्रकार - समाचार संकलन, सम्पादन और प्रस्तुतीकरण की प्रक्रिया में शामिल हर व्यक्ति पत्रकार है।
२) हर पत्रकार सीजेआई का सदस्य बन सकता है।
३) सीजेआई पत्रकारों और पत्रकारिता के व्यापक हितों को आगे बढाने वाला संगठन है।
४) सीजेआई का विशवास उस पत्रकारिता में है जो किसी ख़ास समूह, धर्म, वर्ग या क्षेत्र के बजाय मनुष्यता के हितों को केंद्र में रखती है।
५) सीजेआई मनुष्यों के हर तरह के शोषण के खिलाफ है और ऐसे प्रचलन को अश्लील मानता है।
६) सीजेआई पशुओं और वन्य जीवों के अधिकार तथा पारिस्थिकीय संतुलन बनाये रखने के पक्ष में है और ऐसे किसी भी प्रयास का हिस्सा बनने को हमेशा तैयार है जो मनुष्य और प्रकृति के सर्वश्रेष्ठ हितों को आगे बढाने वाले हों।
७) संस्थापक सदस्य एक ऐसा निकाय गठित करेंगे जो सदस्यता और देश दुनिया के विभिन्न हिस्सों में इसकी शाखाओं से जुड़े मुद्दों पर फैसला करेगा।
८) कोई भी पत्रकार सीजेआई की सदस्यता के लिए आवेदन कर सकता है। अगर वह किसी समाचार संसथान से पूर्णकालिक तौर पर जुड़ातो अपने पहचान पत्र या इस जुड़ाव को जाहिर करने वाले किसी किसी भी दस्तावेज के साथ आवेदन भेज सकता है। अगर वह किसी समाचार संसथान से पूर्णकालिक तौर पर नहीं जुड़ा है तो अपने नाम से प्रकाशित प्रसारित पांच समाचार-लेख की क्लिपिंग के साथ आवेदन भेज सकता है। हर आवेदक को अपने आवेदन के साथ यह घोषणा भी देनी पड़ेगी कि वह कभी सार्वजनिक जीवन में कोई भ्रष्टाचार नहीं करेगा और कभी किसी समाचार का व्यक्तिगत, समूहगत, या क्षेत्रगत संकीर्ण हितों के लिए इस्तेमाल नहीं करेगा।
स्थापना बैठक में निम्नलिखित सदस्य शामिल हुए
१) अनिल सिन्हा
२) प्रणव प्रियदर्शी
३) विवेक कुमार
४) प्रेम चन्द्र गुप्ता
५) राकेश रंजन
६) धीरज कुमार
७) खालिद अमीन
तीन सदस्य - राजीव रंजन, पूजा प्रसाद और विवेकानंद - बैठक में शामिल नहीं हो सके। मगर, इन तीनो सदस्यों ने अपनी मजबूरियों की पूर्व सूचना देते हुए सीजेआई की प्रस्तावना से सहमती जता दी थी। इसलिए बैठक में सर्वसम्मति से इन तीनो अनुपस्थित सदस्यों को सीजेआई गठन की प्रक्रिया का हिस्सा मान लिया गया।
बैठक में उक्त सभी १० सदस्यों की सदस्यता वाली एक आर्गेनाइजिंग कमिटी (संगठन समिति) गठित करने का फैसला किया गया। यह भी तय किया गया आर्गेनाइजिंग कमिटी सदस्यता के आवेदनों समेत आगे आने वाले सभी महत्वपूर्ण सवालों पर बहुमत से फैसला करेगी।
इसके अलावा अनिल सिन्हा को सर्वसम्मति से सीजेआई के संयोजक और प्रणव प्रियदर्शी को संगठन सचिव चुना गया। फैसला किया गया कि संयोजक और सचिव को आवश्यक होने पर परिस्थिति के मुताबिक़ तत्काल फैसले करने का अधिकार होगा लेकिन बाद में आर्गेनाइजिंग कमिटी उन फैसलों पर विचार कर के उन्हें मंजूर या नामंजूर कर सकती है। टकराव की स्थिति में आर्गेनाइजिंग कमिटी का फैसला सर्वमान्य होगा।
Tuesday, 5 January 2010
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Bahut shaandar kaam. Badhai!
ReplyDeleteKripaya mujhe bhee sadasya banaiye!
Bahut bahut achha kiya hai.
ReplyDeletebahut achchi pahal , meri shubhkamnaye
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर पहल है। मेरी शुभकामनाएं आप लोगों के साथ हैं। मैं भगवान से मनाता हूं कि सीजेआई अपने मकसद में पूरी तरह से कामयाब हो।
ReplyDeleteaashuji aur vijay shankar ji aap dono ka khas taur par dhanyavaad. apne hamar hausla badhaya. aap logo ka sath hamari taakat hai. is blog ke laayak koi matter ho to bhee hame jaroor batayen. matter aap hame is email par bhej sakte hain
ReplyDeleteconsernedcji@gmail.com